नई दिल्ली (DipakTimes): एक नई किताब के खुलासे ने भारत-इजरायल संबंधों के इतिहास में छिपे एक रहस्य से पर्दा उठा दिया है। बताया गया है कि 1977 में मोरारजी देसाई सरकार के कार्यकाल में इजरायल के विदेश मंत्री मोशे दयान ने भारत की गुप्त यात्रा की थी। इस मुलाकात को इतना गोपनीय रखा गया कि तत्कालीन विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विदेश सचिव जगत मेहता को भी इसकी जानकारी अंतिम समय पर दी गई।
सूत्रों के अनुसार, यह मुलाकात नई दिल्ली के एक साधारण सरकारी आवास में हुई, जहाँ दयान ने प्रधानमंत्री देसाई और वाजपेयी से मुलाकात की। बैठक में दयान ने भारत से इजरायल को समर्थन देने की अपील की, लेकिन मोरारजी देसाई ने साफ इनकार कर दिया और फलस्तीनी मुद्दे पर भारत के दीर्घकालिक समर्थन को दोहराया।
इस असहज मुलाकात के बाद नाराज़ दयान ने भारतीय नेताओं द्वारा भेंट किए गए चांदी के बर्तन लेने से भी मना कर दिया और भारत की गरीबी और नैतिक कमजोरी पर तंज कसते हुए देश छोड़ दिया।
📌 यह खुलासा भारत-इजरायल कूटनीतिक संबंधों की गहराइयों और गैर-सरकारी मोर्चों की गंभीरता को उजागर करता है।
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