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क्रायोनिक्स इंस्टिट्यूट: मौत के बाद भी जीवन की उम्मीद! |
न्यूयॉर्क (DipakTimes): क्या इंसान मौत के बाद दोबारा जिंदा हो सकता है? विज्ञान इस सवाल का जवाब तलाशने में जुटा है और क्रायोनिक्स इंस्टिट्यूट इसी दिशा में एक बड़ा प्रयोग कर रहा है। यह संस्थान मरने के बाद शरीर को फ्रीज कर भविष्य में दोबारा जीवित करने की तकनीक पर काम कर रहा है।
क्या है क्रायोनिक्स?
❄️ क्रायोनिक्स (Cryonics) एक ऐसी तकनीक है, जिसमें इंसान के मृत शरीर या सिर्फ दिमाग को बहुत कम तापमान (-196°C) पर संरक्षित किया जाता है।
❄️ इसका उद्देश्य भविष्य में जब चिकित्सा विज्ञान विकसित हो जाए, तब इन संरक्षित शरीरों को फिर से जीवित करना है।
❄️ इस प्रक्रिया में शरीर को लिक्विड नाइट्रोजन में डुबोकर संरक्षित किया जाता है, जिससे कोशिकाओं को नुकसान न पहुंचे।
कैसे काम करता है क्रायोनिक्स?
🔬 जब कोई व्यक्ति मरता है, तो उसका शरीर तुरंत क्रायो-प्रोटेक्टेंट केमिकल्स से भरा जाता है, जिससे शरीर में बर्फ न जमे।
🧪 इसके बाद इसे विशेष क्रायो-टैंक में स्टोर किया जाता है, जहां इसे भविष्य के लिए संरक्षित किया जाता है।
⚡ वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में स्टेम सेल, नैनो टेक्नोलॉजी और जेनेटिक्स इतनी विकसित हो जाएगी कि शरीर को पुनर्जीवित किया जा सकेगा।
कौन-कौन इस तकनीक का उपयोग कर रहे हैं?
🌍 दुनियाभर में कई अमीर और वैज्ञानिक क्रायोनिक्स तकनीक में रुचि दिखा रहे हैं।
🛑 वर्तमान में यह प्रक्रिया सिर्फ उन्हीं लोगों पर की जाती है, जिन्होंने पहले से इसकी अनुमति दी हो।
🤑 इसकी लागत $28,000 से $200,000 (लगभग 20 लाख से 1.5 करोड़ रुपये) तक हो सकती है।
क्या यह वास्तव में संभव है?
🧐 कई वैज्ञानिक इस तकनीक को विज्ञान से ज्यादा कल्पना मानते हैं, क्योंकि अभी तक कोई भी इंसान क्रायोनिक्स से दोबारा जीवित नहीं हुआ है।
🔬 हालांकि, वैज्ञानिक इस क्षेत्र में लगातार शोध कर रहे हैं और भविष्य में जीवन को फिर से शुरू करने की संभावना से इंकार नहीं कर सकते।
📌 क्या क्रायोनिक्स सच में भविष्य में इंसान को मौत के बाद जिंदा करने में सक्षम होगी? इस पर विज्ञान अभी भी शोध कर रहा है। इस रोमांचक विषय पर अपडेट के लिए जुड़े रहें DipakTimes के साथ!
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