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हम बोलीवूड के गुलाम होते जा रहे हैं, जो सोचने का शक्ति है वह खौते जा रहे हैं, क्या हमारे समाज के लोग, Photo Credit: Lisa Fotios |

NEW DELHI (Lisbon Times):- लगता है बोलीवूड वालों के पास, ढंग का स्क्रिप्ट नहीं है इसलिए आजकल पोर्न टाइप मूवी बना रहे हैं, वैसे मुझे कभी-कभी फील होता है कि हम बोलीवूड के गुलाम होते जा रहे हैं और वह जो हमें दिखता है हम उसे चुपचाप देख लेते हैं, क्या हम लोगों के पास,
जो सोचने का शक्ति है वह खौते जा रहे हैं, क्या हमारे समाज के लोग, अच्छे और बुरे में फर्क समझ नहीं पा रहे हैं, मुझे लगता है कि वह समय आ गया है जो हमें सही और गलत का फैसला खुद कर सके, इस तरह का माहौल बनाना चाहिए जो राजनीति और धर्म से उपर उठकर इन असामाजिक तत्वों को खत्म करने का एक जजवा होना चाहिए,
लोगों में, तभी हमारा समाज एक मंदिर की भाँति हो पायेगा, कुछ लोग पैसे के भूखे होते हैं और हमारे समाज में अश्लीलता फैलाने में लगे हुए हैं उनको क्या फर्क पड़ने वाला है उसे तो बंद कमरे रहना होता है और झेलना हमारे समाज को पड़ता है, भारत देश में बहुत ऐसे लोग मिलेंगे, जो ऊँचे-ऊँचे पदों पे बैठे हुए हैं और अपने ही देश में अश्लीलता और असामाजिक तत्वों में लीन है,
अब इनको बैनकाव तथा बहीसकृत करनी चाहिए, तभी जा कर ये सुधर सकते हैं, माना कि ये कैमरों के सामने अपना नौकरी करता है तो क्या? ये ज्ञानी बन गए, जो ये कहेगा और करेगा,
वह सब सही ही होगा, ऐसा कुछ नहीं है, जो अश्लीलता और असामाजिक तत्व फैला कर अपना पैसा कमाता है, उसे बिल्कुल ही नहीं छोड़ना चाहिए, हमें उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना चाहिए तभी हम सब का भारत, एक साफ़ सुथरा वाला देश बनेगा।
एक छोटी सी पहल, हमारे समाज में बदलाव ला सकता है।
।ये लेखक का अपना विचार है।

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