भारत की घटती हिन्दू जनसंख्या, सिमटता हिन्दूत्व भारत,
भारत में हिन्दू की आबादी आजादी के समय 1951 में 84% थी जो 2001 में घटकर 80% रह गयी, जबकि मुस्लिम जनसंख्या 1951 में 9.8 प्रतिशत थी,जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के इस्लाम के नाम पर अलग होने के बाद थी, और अब यह बढ़कर 2001 में 13.43 प्रतिशत हो गयी है। माना जाता है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश अलग करने की बात, जिस लॉजिक के आधार पर नेहरू जी और बुढ़ा शेर (गाँधी जी) ने मानी थी वो ये था कि इनमें ईस्लामिक जनसंख्या का प्रतिशत अधिक है, फिर मुस्लिमों को इस देश इतना संरक्षण क्यों? हमने भारत को तीन टुकड़ों में बाँटा फिर भी मुस्लिम समुदाय भारत में ही रहना चाहते हैं आखिर क्यों? कहीं इनका मनसूबा भारत का नाम चेन्ज करना चाहते हैं क्या? पर जो भी मनसूबा हो हिन्दुत्व बहुल राष्ट्र में नहीं चलेगा।
भारत में हिन्दू की आबादी आजादी के समय 1951 में 84% थी जो 2001 में घटकर 80% रह गयी, जबकि मुस्लिम जनसंख्या 1951 में 9.8 प्रतिशत थी,जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के इस्लाम के नाम पर अलग होने के बाद थी, और अब यह बढ़कर 2001 में 13.43 प्रतिशत हो गयी है। माना जाता है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश अलग करने की बात, जिस लॉजिक के आधार पर नेहरू जी और बुढ़ा शेर (गाँधी जी) ने मानी थी वो ये था कि इनमें ईस्लामिक जनसंख्या का प्रतिशत अधिक है, फिर मुस्लिमों को इस देश इतना संरक्षण क्यों? हमने भारत को तीन टुकड़ों में बाँटा फिर भी मुस्लिम समुदाय भारत में ही रहना चाहते हैं आखिर क्यों? कहीं इनका मनसूबा भारत का नाम चेन्ज करना चाहते हैं क्या? पर जो भी मनसूबा हो हिन्दुत्व बहुल राष्ट्र में नहीं चलेगा।
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