पृथ्वी का तापमान बढ़ने, ओजोन परत की क्षीणता, वन्य जीवों का विलोपन, परमाणु बिखराव का संकट,इन सबके बारे में जागरूकता उत्पन्न करने की इक्कीसवीं शताब्दी के शिक्षार्थियों के लिए बड़ी चुनौती है, इसलिए कहता हूँ कि गोबर पे पत्थर मारोगे तो छिटा आपके उपर पड़ेगा। पाकिस्तान तो गोबर है। वैसे भी छोटे आदमी से भीड़ोगे तो दोस भी आप ही को देगा, ऐसे आदमी को आज के युग में निगल जाना चाहिए, और डकार मत लो, तब मालूम पड़ेगा कि मेरा हाजमा कितना शक्तिशाली है। इसे पचा पायेगा या नहीं, बाक़ी आपकी मरज़ी, इसे निगलोगे या फिर बरदाश्त करोगे।
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